February 26, 2017
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तुम उठा लुकाठी खड़े चौराहे पर;

बोले, वह साथ चले जो अपना दाहे घर;

तुमने था अपना पहले भस्‍मीभूत किया,
फिर ऐसा नेता
देश कभी क्‍या
पाएगा?

फिर तुमने हाथों से ही अपना सर

कर अलग देह से रक्‍खा उसको धरती पर,

फिर ऊपर तुमने अपना पाँव दिया
यह कठिन साधना देख कँपे धती-अंबर;
है कोई जो
फिर ऐसी राह
बनाएगा?

इस कठिन पंथ पर चलना था आसान नहीं,

हम चले तुम्‍हारे साथ, कभी अभिमान नहीं,

था, बापू, तुमने हमें गोद में उठा लिया,
यह आने वाला
दिन सबको
बतलाएगा।

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